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संपूर्ण विश्व में आदि काल से ही चंद्रवंशी क्षत्रिय समाज ने विगत पांच हज़ार वर्षो तक शासन किया है | भारतवर्ष में द्वापर युग के पश्चात महाराज परीक्षित की मृत्यु के पश्चात जन्मेजय के काल के बाद भारतवर्ष में समय के साथ- साथ भारत में शक, हुंड, मुग़लो , अंग्रेजों ने शासन किया है |
चंद्रवंशी क्षत्रियों का पतन मुग़ल काल में सर्वाधिक रुप से हुआ है मुग़ल काल , अंग्रेजी शासन में क्षत्रियों को राजपूत शब्द देकर इन्हे नयी जाती में परिवर्तित कर दिया गया लेकिन मूलतः यह क्षत्रिय जो आज गुलामी के शब्द जैसे कहार नयी जाती बन गयी जो की छत्तीस जाती के राजपूत ही छत्तीस जाती के कहार है जो की संपूर्ण भारत के विभिन्न विभिन्न राज्यों में अलग अलग जाती नाम से जानी जाती है जैसे कहार कश्यप राजपूत , मेहरा , मल्होत्रा , कपूर , टंडन , रवानी , तोमर , तंवर ,बाथम आदि जो कि चंद्रवंशी क्षत्रिय ही है भारत में समय के साथ इस समाज ने सबसे ज्यादा युद्ध किये हैं इसी समाज का युद्ध कि वजह से आज वर्तमान में इस समाज के पास जमीन, पैसा , मकान , एवं सुख सुविधा का सबसे ज्यादा अभाव है |
भारत में कुछ जातियों के विकास हेतु सहायता के रूप में भारत सरकार ने आरक्षण कि व्यवस्था कि हुई है जिसमे से यह जाती पिछड़े वर्ग में है अर्थात कभी किसी समय में यह जाती अगड़ी मानी जाती थी तथा वर्तमान में यह जाती पिछड़ गयी है |
इस जाती के पिछड़ने का एक मात्र कारण इस समाज में साधन का सबसे ज्यादा अभाव है साधनविहीन समाज अपने समाज कि कभी भी तरक्की नहीं कर पाता है | आज यह समाज पिछले 67 वर्षो से अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन जितनी इस समाज कि हिस्सेदारी भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के सरकारी विभागों में नौकरी , सांसद सदस्य , विधायक , विधान परिषद सदस्य आदि के रूप में होनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है |
इसलिए आज यह समाज भारत सरकार राज्य सरकारों से सम्मलेन के माध्यम से अपने हक़ की मांग कर रहा है तथा अपनी राजनीति में हिस्सेदारी कि मांग कर रहा है यह इस समाज का हक़ भी है |
हमारी सामाजिक योजना यह है कि हम मूलतः चंद्रवंशी क्षत्रिय है ऐसे प्रमाण मौजूद है हम राजाओ के वंशज है हमारे पूर्वजो ने अपने इतिहास को लिपिबद्ध रखा तथा समाज को एक सूत्र में रखने के लिए भारत में चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा कि स्थापना की इसी प्रकार आजादी से पूर्व ही अंग्रेजी शासन काल में राजपूत रेजिमेंट को शिमला हाई कोर्ट में चैलेंज किया तथा अपने आप को राजपूत स्वीकार कराते हुए क्षत्रियों के मूल पुरुष महर्षि कश्यप जी के नाम से आगे से कश्यप राजपूत कहलवाया था तथा प्रमाणों के आधार पर राजपूत रेजिमेंट की हार हुई थी यह घटना वर्ष 1927 की है इस प्रकार यह जाति भारत के विभिन्न विभिन्न राज्यों में अलग अलग नाम से जानी जाति है हमारा प्रयास है की यह जातियां आपस में विवाह सम्बन्ध स्थापित करे तथा यह समाज संगठित हो जाये जिससे इस समाज का सर्वांगीण विकास हो सके ऐसी हमारी सामाजिक योजना है |
आदरणीय सभी चंद्रवंशी भाइयों समाज के समग्र विकास के लिए , इतिहास की जानकारी एवं इस आधुनिक युग के साथ चलने के लिए इस वेबसाइट का निर्माण किया गया है !
इस वेबसाइट में समाज की जितनी भी जानकारी है वह पूर्णतः सत्य एवं सही है ! आप सभी से निवेदन है की आप समाज से सम्बंधित सभी प्रकार की प्रमाणित जानकारी जैसे प्रमाणित इतिहास , हमारी धर्मशालाए , भवन , समाज के राजनेता एवं समाज एवं समाज से सम्बंधित सभी जानकारी ईमेल द्वारा हमें भेजे हम वेबसाइट पर अपलोड करेंगे जिससे समाज का सर्वांगीण विकास हो सके !
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हमारा लक्ष्य यह है की हमारा समाज पूर्णतः चंद्रवंशी क्षत्रिय है ! हम चन्द्रवंशियों का मुग़ल काल में सबसे ज्यादा विनाश हुआ है वर्ष 1303 में हमें एक नया नाम कहार दिया गया जो की चंद्रवंशी क्षत्रिय कहार नाम की एक अलग जाती वर्ग में परिवर्तित हो गए विगत 715 वर्ष में इस समाज का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है इस समाज के पास जमीन जायदाद अपने मकान एवं सरकारी नौकरी नाम मात्र की है इस समाज को पिछड़े वर्ग का आरक्षण मिला हुआ है लेकिन इस आरक्षण का इस समाज को ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया है इस प्रकार के आंकड़े है यह कहार समाज भारत के विभिन्न विभिन्न राज्यों में अलग अलग सरनाम व् जातियों से जाना जाता है हमारा लक्ष्य यह है की यह वर्ग संगठित हो एवं आपस में विवाह सम्बन्ध स्थापित करते हुए अपना विकास कर सके हम समय समय पर सामाजिक विवाह सम्मलेन द्वारा आपस में विवाह एवं सम्मलेन के माध्यम से समाज सुधार व शैक्षणिक विकास कर सके ऐसा हमारा एक लक्ष्य है इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु हमें आप सभी समाज के शैक्षिक बुद्धिजीवों का सहयोग चाहिए आप अपने सुझाव हमें ईमेल द्वारा , पत्राचार द्वारा अवश्य प्रदान करेंगे जिससे हम समाज का सर्वांगीण विकास कर सके !
Pollitical Leader
RAMCHANDRA CHANDRAVANSHI (Health Minister Jharkhand)
BISHRAMPUR (PALAMU )
Party: BJP
S/o|D/o|W/o: Sehdev Chandravanshi
Age: 68
Address: Resident Of House №35, Vill + Post + Thana + Dist: Garhwa, Jharkhand, Pin №822114
Name Enrolled as Voter in 80 Garhwa (Jharkhand) constituency, at Serial no 186 in Part no 104
Email:
Contact Number:9431390832, 8969988110
Self Profession: Social Service
Spouse Profession: House Wife
Dr. Prem Kumar
Leader Of Opposition Bihar
Incumbent
Assumed office
20 November 2015
Chief Minister Nitish Kumar
Preceded by Amarendra Pratap Singh
Member of the Bihar Legislative Assembly for Gaya Town
Incumbent
Assumed office
1990
Preceded by Jai Kumar Palit
Personal details
Born 1960
Gaya (Bihar)
Political party Bharatiya Janata Party
Alma mater Magadh University M.A. LL.B. B.A. Ph.D.
Religion Hinduism
Dr. Bhim Singh
MLC2 (MINISTER)
Party: JD(U)
S/o|D/o|W/o:
Age: Unknown
Address:
Name Enrolled as Voter in (Bihar) constituency, at Serial no 0 in Part no 0
Email:
Contact Number:
Self Profession:
Spouse Profession:
Narendra Kumar Kashyap MP
UTTAR PRADESH
Party:BSP
S/o|D/o|W/o: Shri Shiv Charan
Age: 43
Address: B-61 D, Sanjay Nagar, Sector 23, Block B, Ghaziabad
Narendra Kumar Kashyap (born 15/01/1963 Village Saravani, Distt. Ghaziabad (Uttar Pradesh))a politician from Bahujan Samaj Party is a Member of the Parliament of India representing Uttar Pradesh in the Rajya Sabha, the upper house of the Indian Parliament.
He has studied BA and LLB and is Advocate by profession.
Chandreshwar Prasad Chandravanshi
Janata Dal (United) candidate Chandreshwar Prasad Chandravanshi filed nomination papers for the Bihar Legislative Council seat in Patna on January 29, 2016. Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Prasad Yadav and Bihar Finance Minister Abdul Bari Siddiqui were present on the occasion.
MOTI KASHYAP M LA
Barwara (Katni)
Party:BJP
S/o|D/o|W/o: MEWA LAL
Age: 68
Address: 1220, GURGA CHOWK, FOTATAL, RAVINDER WARD, POST. GURANDI BAZAR, TEH.JABALPUR
Full Name: Vimla Batham
Date of Birth: December 6, 1951, at Shahjahanpur (U.P.)
Parent’s Name: Lata Rikhilal Shah & Smt. Ram Devi Gupta
Husband: Shri Roop Narayan Batham Vaish (Art Historian)
Educational Qualification :
M.A. Hindi (Agra University, Agra)
M.A. Drawing & Painting (Kanpur University, Kanpur)
Sahitya Ratna (Prayag)
Diploma in Business Management from Min. of Small Scale Industries, Govt. of India, New Delhi.
Dharmendra Kashyap M.P
Dharmendra Kashyap is a member of the Bharatiya Janata Party and has won the Indian general elections, 2014 from the Aonla (Lok Sabha constituency).
आदरणीय सभी चंद्रवंशी भाइयों समाज के समग्र विकास के लिए , इतिहास की जानकारी एवं इस आधुनिक युग के साथ चलने के लिए इस वेबसाइट का निर्माण किया गया है ! इस वेबसाइट में समाज की जितनी भी जानकारी है वह पूर्णतः सत्य एवं सही है !
आप सभी से निवेदन है की आप समाज से सम्बंधित सभी प्रकार की प्रमाणित जानकारी जैसे प्रमाणित इतिहास , हमारी धर्मशालाए , भवन , समाज के राजनेता एवं समाज एवं समाज से सम्बंधित सभी जानकारी ईमेल द्वारा हमें भेजे हम वेबसाइट पर अपलोड करेंगे जिससे समाज का सर्वांगीण विकास हो सके इन्ही शुभकामनाओ सहित आग्रह यवम निवेदन
चंद्रवंशी क्षत्रिय समाज भारतवर्ष का प्राचीनतम क्षत्रिय समाज है चन्द्रवंश की स्थापना राजा बुद्ध ने अपने पिता चन्द्रदेव के नाम से चन्द्रवंश की स्थापना प्रतिष्ठानपुरी (वर्तमान झूसिप्रयाग अलाहाबाद ) में की थी ! इस समाज ने संपूर्ण अर्याव्रत्त में पांच हज़ार वर्षों तक राज्य किया है इस वंश में भारत में समय समय पर महान प्रतापी राजाओ का जन्म हुआ है !
जिसमे से विश्व में भारत में भगवान श्री कृष्णा चन्द्र प्रशिद्ध है तथा महा भारत के पांडव प्रशिद्ध है जो की चन्द्रवंश में ही है भारत में समय समय पर शको ने , ह्युंद , मुग़लों ने , अंग्रेजों ने शासन किया है इन सभी शासन काल में मुग़ल काल (मुस्लिम) में क्षत्रियो का सबसे ज्यादा विनाश हुआ है !
इस काल में क्षत्रियो , राजपूतो की सबसे ज्यादा हानि हुई है इस काल में क्षत्रियो की नयी नयी जाती बन गयी जिसमे से एक जाती कहार विश्व प्रसिद्ध है जिनसे बेगमो की डोलिया उठवायी गयी है तथा पानी पिलाने का कार्य एवं भरवाने का कार्य करवाया गया है वैसे ये कहार जाति मूल रूप से क्षत्रिय राजपूत है क्योंकि संपूर्ण इतिहास एवं साहित्य वेद एवं स्मृतियाँ में कहार शब्द का उल्लेख नहीं है यह कहार शब्द वर्ष 1303 ईसवी में प्रचलन में आया है इस प्रकार यह एक कहार जाति वर्ष १३०३ के बाद बानी है इस कहार जाति में छत्तीस जाति के राजपूत ही कहार है इस जाति में भारत के विभिन्न विभिन्न प्रदेशो में इस जाति को भिन्न भिन्न नामो से जाना जाता है जैसे
१. कहार , धींवर , कश्यप , कश्यप राजपूत , मेहरा , मेहरोत्रा , मल्होत्रा , कपूर , टंडन , रत्रा .
1 . महर्षि कश्यप ऋषि चैरिटेबल फाउंडेशन मोदीनगर एवं अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा मोदीनगर के तत्वाधान में दिनांक 5 अप्रैल 2016 दिन मंगलवार को महर्षि कश्यप जयंती एवं सम्मान समारोह स्थान जे ० आर ० वी ० चैरिटेबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बेगमाबाद संजयपुरी मोदीनगर, ग़ाज़ियाबाद , उ ० प्र ० के प्रांगण में मनाया जा रहा है !
संपूर्ण विश्व में आदि काल से ही चंद्रवंशी क्षत्रिय समाज ने विगत पांच हज़ार वर्षो तक शासन किया है | भारतवर्ष में द्वापर युग के पश्चात महाराज परीक्षित की मृत्यु के पश्चात जन्मेजय के काल के बाद भारतवर्ष में समय के साथ- साथ भारत में शक, हुंड, मुग़लो , अंग्रेजों ने शासन किया है |
चंद्रवंशी क्षत्रियों का पतन मुग़ल काल में सर्वाधिक रुप से हुआ है मुग़ल काल , अंग्रेजी शासन में क्षत्रियों को राजपूत शब्द देकर इन्हे नयी जाती में परिवर्तित कर दिया गया लेकिन मूलतः यह क्षत्रिय जो आज गुलामी के शब्द जैसे कहार नयी जाती बन गयी जो की छत्तीस जाती के राजपूत ही छत्तीस जाती के कहार है जो की संपूर्ण भारत के विभिन्न विभिन्न राज्यों में अलग अलग जाती नाम से जानी जाती है जैसे कहार कश्यप राजपूत , मेहरा , मल्होत्रा , कपूर , टंडन , रवानी , तोमर , तंवर ,बाथम आदि जो कि चंद्रवंशी क्षत्रिय ही है भारत में समय के साथ इस समाज ने सबसे ज्यादा युद्ध किये हैं इसी समाज का युद्ध कि वजह से आज वर्तमान में इस समाज के पास जमीन, पैसा , मकान , एवं सुख सुविधा का सबसे ज्यादा अभाव है |
भारत में कुछ जातियों के विकास हेतु सहायता के रूप में भारत सरकार ने आरक्षण कि व्यवस्था कि हुई है जिसमे से यह जाती पिछड़े वर्ग में है अर्थात कभी किसी समय में यह जाती अगड़ी मानी जाती थी तथा वर्तमान में यह जाती पिछड़ गयी है |
इस जाती के पिछड़ने का एक मात्र कारण इस समाज में साधन का सबसे ज्यादा अभाव है साधनविहीन समाज अपने समाज कि कभी भी तरक्की नहीं कर पाता है |
आज यह समाज पिछले 67 वर्षो से अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन जितनी इस समाज कि हिस्सेदारी भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के सरकारी विभागों में नौकरी , सांसद सदस्य , विधायक , विधान परिषद सदस्य आदि के रूप में होनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है |
इसलिए आज यह समाज भारत सरकार राज्य सरकारों से सम्मलेन के माध्यम से अपने हक़ की मांग कर रहा है तथा अपनी राजनीति में हिस्सेदारी कि मांग कर रहा है यह इस समाज का हक़ भी है |
Nishant Chandravanshi is founder of chandravanshi.